सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

किसके बाप की है ट्रेन ?


लालू जी रेल मंत्री नहीं रहे तो क्या हुआ, ये ट्रेन अपना ही तो है। कहीं भी वेक्यूम कर दो। ट्यूबलाइट, बल्ब खोल लो। आखिर सरकारी संपत्ति जो है। अपना हिस्सा तो लेकर रहेंगे। पटना के पास सटे बख्तियारपुर के उपद्रवी सैंकड़ों लोगों से यात्रियों से भरी ट्रेन को पहले तो रोक दिया फिर इंजन खोलकर ले उड़े। रेलवे ने लॉ एंड ऑर्डर का मामला सरकार के अधीन कहकर पल्ला झाड़ लिया। दानापुर- टाटा एक्सप्रेस के यात्री बेबस और लाचार हो गए। उपद्रवी ट्रेन को बपौती संपत्ति समझ छह किलोमीटर दूर तक ले गए। इंजन को पटरी से नहीं उतार पाए नहीं तो अपने घर ले जाते। एक तरफ तो इमानदार दरोगा के ट्रांसफर का विरोध कर जागरूकता का परिचय दिया। वहीं दूसरी तरफ नेशनल हाईवे पर जाम लगाकर और ट्रेन रोककर मूर्खता और बर्बरता का परिचय दिया। आखिर किसने दिया इन्हें ये अधिकार ? 6 किलोमीटर तक इंजन ले जाने के वक्त पुलिस कहां थी। सबको पता है अगर पुलिस चाहती तो 2 मिनट में उपद्रवियों को सबक सिखा देती। क्या इंजन लेकर भागने वाले अनपढ़ गंवार थे? भैया होंगे भी क्यों नहीं जब पढ़ाने वाले ज्यादातर शिक्षामित्र ही लुच्चे लफंगे हैं तो सीख भी तो वैसी ही देंगे। उपद्रवियों में ज्यादातर 8 साल से 16 साल के बीच के बच्चे शामिल थे। नीतीश जी संभल जाइये नहीं तो किसी दिन आपको भी उठाकर ले जाएंगे ...

टिप्पणियाँ

हर डाल पे उल्लू बैठा है , डाल-डाल पे उल्लू बैठा है
फिर सोच लो ये दुनिया वालो, अंजामे गुलिस्ताँ क्या होगा ?
Unknown ने कहा…
यह "लालू संस्कृति" है… और लगभग यही संस्कृति महाराष्ट्र में "राज संस्कृति" के रूप में भी परिलक्षित हो रही है… दोनों ही मामलों में "देश" के बारे में सोचने को कोई भी तैयार नहीं है और कांग्रेस हमेशा की तरह फ़िल्म नायक के अमरीश पुरी के रोल में है…
ghughutibasuti ने कहा…
अब तो यह सब पढ़कर आश्चर्य भी नहीं होता। जो न हो वह कम है।
घुघूती बासूती

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जी न्यूज पर दिल्ली पुलिस के कपड़े उतरे... सरकार का दुपट्टा सरका...

जैसे ही जी न्यूज पर बहादुर दामिनी के उस बहादुर दोस्त ने सच बताना शुरू किया.. दिल्ली पुलिस की चरित्र रूपी कपड़े उतरने लगे.. पहले लगा एक दो कपड़े ही उतरेंगे.. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.. दिल्ली पुलिस नंगी हो गई.. इतना ही नहीं केन्द्र सरकार का दुपट्टा भी सरक गया.. निर्दयी सरकार भी निर्वस्त्र हो गई.. दामिनी और उसका दोस्त 16 दिसंबर की रात सड़क पर पड़े तड़प रहे थे.. लेकिन अब निर्लज्ज दिल्ली पुलिस और बेशर्म सरकार लोगों के बीच नंगा है.. लेकिन इंतहा देखिए दोनों को कोई फर्क नहीं पड़ता.. जरा पूरी कहानी सुन लीजिए.. दामिनी के दोस्त ने क्या क्या बताया.. दिल्ली पुलिस का पहला कपड़ा ऐसे उतरा.. बस डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक दिल्ली की चमचमाती सड़कों दौड़ती रही.. उसमें गैंगरेप होता रहा.. दरिंदे दामिनी की अंतरियां बाहर निकालते रहे.. दिल्ली पुलिस ने कहा, बस में सिर्फ चालीस मिनट तक तक ये सब हुआ.. झूठी और बेशर्म दिल्ली पुलिस.. डेढ़ घंटे तक काले शीशे वाली बस को नामर्द दिल्ली पुलिस ने क्यों नहीं रोका.. दामिनी के दोस्त ने दूसरा कपड़ा भी उतार दिया— दिल्ली पुलिस की दो- तीन पीसीआर वैन पहुंची लेकिन.. वो

श्वास लेने का ये तरीक़ा ज़िंदगी बदल सकता है

ऋषि मुन्नियों को वो गुप्त ज्ञान जिसके द्वारा उन्हें ओजपूर्ण ज़िंदगी और लंबी उम्र मिलती थी। जी हाँ यौगिक डीप ब्रीदिंग आपको एक नया जीवन दे सकता है। क्या है ये यौगिक श्वसन? क्दया आपने कभी एक नवजात बच्चे को श्वास लेते हुए देखा है? वो पेट ऊपर करते हुए श्वास लेता है और पेट अंदर करते हुए श्वास बाहर निकाल देता है। यानि पहले लंग्स के लोअर लोब में श्वास भरें फिर लंग्स के ऊपरी हिस्से तक। फिर जब श्वास छोड़ें तो पहले ऊपरी हिस्से से श्वास निकालें फिर पेट अंदर करते हुए पूरा श्वास बाहर कर दें। इसी पर मैंने अपने  यूट्यूब चैनल Yoga guru Kaushal Kumar Kamal पर डीटेल में यौगिक श्वसन की पूरी जानकारी दी है। इसे ज़रूर देखें और अपनी राय दें।  https://youtu.be/xpXsGRwXQ94

केन उपनिषद् के महत्वपूर्ण मंत्र

For UGC NET-JRF  ओम केनेषितं पतति प्रेषितं मन:।। ((किससे सत्ता स्फूर्ति पाकर मन जो विषयों में जाता है..)) चक्षु: श्रोतं क उ देवो युनक्ति।। ((नेत्र और कान को कौन नियुक्त करते हैं)) न तत्र चक्षुर्गच्छति, न वाग्गच्छति...।। ((न वहां आंख जा सकती है, न वाणी पहुंच सकती है)) विद्धि नेदं यदिदमुपासते...।।  ((कई बार ये मंत्र है)) ((जिन्हें ऐसा जानकर लोग उपासना करते हैं वो ब्रह्म नहीं हैं)) ...नो न वेदेति वेद च।। ((ये मंत्र भी उपनिषद् में कई बार आया है)) ((नहीं जानता हूं ये भी नहीं कहता।)) अविज्ञातं विजानतां विज्ञातम् अविजानताम्।। ((जानने का अभिमान रखने वालों के लिए जाना हुआ नहीं है.. जिन्हें अभिमान नहीं है उनका तो जाना ही हुआ है)) ...अग्नि अहमस्मीत्य ब्रवीज्जातवेदा।। ((मैं ही प्रसिद्ध अग्नि हूं, मैं ही जातवेदा के नाम से प्रसिद्ध हूं।)) ...वायुर्वा अहमस्मीत्य ब्रवीन्मातरिश्वा वा अहमस्मीति।। ((मैं ही प्रसिद्ध वायुदेव हूं, मैं ही मातरिश्वा के नाम से प्रसिद्ध हूं।।)) सा ब्रह्मेति होवाच..।। ((उमा देवी ने कहा, वे तो परब्रह्म परमात्मा हैं।)) तस्यैष आदेशो यदेतद्विद्युतो व्यद्युतदा।। उस ब्रह्म का आदेश है,