राजस्थान में गुर्जरों अब तक अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल हैं। ऐसे में उन्हें इस वर्ग के हिसाब से आरक्षण भी मिल रहा है। लेकिन गुर्जरों की मांग है कि उन्हें अनुसूचित जनजाति में श्रेणी में डाल दिया जाए। गुर्जर अनुसूचित जनजाति में शामिल होते ही मजबूत स्थिति में आ जाएगा। ऐसा प्रावधान है कि अनुसूचित जनजाति के लोगों की जमीन उसी की जनजाति के लोग खरीद सकते हैं। ऐसे में गुर्जर अपनी जमीनी ताकत को आसानी से बढ़ा सकते हैं। साथ ही अनुसूचित जनजातियों के लिए अलग नियम भी हैं। इन्हें सामान्य झगड़ों को खुद ही सुलझाने के अधिकार मिल जाएंगे। और भी कई फायदे हैं जिसके लिए गुर्जर इस श्रेणी में आने को बेताब हैं।
(स्रोत- बीबीसी और अन्य साइट्स)
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