सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

जॉर्ज बुश पर जूतों की बरसात

(तस्वीर- सौ. बीबीसी हिन्दी)
अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को उनका आखिरी इराक दौरा ताउम्र याद रहेगा। दुनिया के सबसे ताकतवर इनसान को सपने में भी गुमान न होगा कि कोई उस पर जूतों की बरसात कर देगा। 14 दिसंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश अचानक इराक पहुंच गये। इस दौरान राष्ट्रपति ने उनका भरपूर स्वागत किया। दोनों देशों के बीच सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षार भी हुए। लेकिन इस दौरान एक ऐसी घटना घटी जिसे जॉर्ज बुश जिंदगी भर नहीं भूला पाएंगे। जॉर्ज बुश इराकी प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकि के निजी ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। तभी अल बगदादिया न्यूज चैनल के पत्रकार मुंतजेर अल जैदी ने गालियों के साथ बुश पर जूते फेंके। हालांकि वे जूते बुश को नहीं लगे। फुर्तीले बुश ने बमुश्किल अपने आप को बचाया। जूते उनके सिर के उपर से निकल गये। ये वाकया कई सवाल खड़े करता है? क्या इराक के लोग अमेरिकी मदद से आजिज आ गये हैं? क्या अब उन्हें अमेरिकी फौजों की जरूरत नहीं है? क्या अमेरिका को अपनी फौज जल्द वापस बुला लेनी चाहिए ? जूते खाते खाते बचे बुश साहब जरा इन सवालों पर गौर फरमाइये।

टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
कौशलजी , इस ऐतिहासिक घटना की ओर ध्यान खींचने के लिए मेहरबानी ।
रात का अंत ने कहा…
जरा सोचिये अगर वो भारतीय नेता होते तो जूते खा ही जाते और पता नहीं फिर इराक का क्या होता

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जी न्यूज पर दिल्ली पुलिस के कपड़े उतरे... सरकार का दुपट्टा सरका...

जैसे ही जी न्यूज पर बहादुर दामिनी के उस बहादुर दोस्त ने सच बताना शुरू किया.. दिल्ली पुलिस की चरित्र रूपी कपड़े उतरने लगे.. पहले लगा एक दो कपड़े ही उतरेंगे.. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.. दिल्ली पुलिस नंगी हो गई.. इतना ही नहीं केन्द्र सरकार का दुपट्टा भी सरक गया.. निर्दयी सरकार भी निर्वस्त्र हो गई.. दामिनी और उसका दोस्त 16 दिसंबर की रात सड़क पर पड़े तड़प रहे थे.. लेकिन अब निर्लज्ज दिल्ली पुलिस और बेशर्म सरकार लोगों के बीच नंगा है.. लेकिन इंतहा देखिए दोनों को कोई फर्क नहीं पड़ता.. जरा पूरी कहानी सुन लीजिए.. दामिनी के दोस्त ने क्या क्या बताया.. दिल्ली पुलिस का पहला कपड़ा ऐसे उतरा.. बस डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक दिल्ली की चमचमाती सड़कों दौड़ती रही.. उसमें गैंगरेप होता रहा.. दरिंदे दामिनी की अंतरियां बाहर निकालते रहे.. दिल्ली पुलिस ने कहा, बस में सिर्फ चालीस मिनट तक तक ये सब हुआ.. झूठी और बेशर्म दिल्ली पुलिस.. डेढ़ घंटे तक काले शीशे वाली बस को नामर्द दिल्ली पुलिस ने क्यों नहीं रोका.. दामिनी के दोस्त ने दूसरा कपड़ा भी उतार दिया— दिल्ली पुलिस की दो- तीन पीसीआर वैन पहुंची लेकिन.. वो...

केन उपनिषद् के महत्वपूर्ण मंत्र

For UGC NET-JRF  ओम केनेषितं पतति प्रेषितं मन:।। ((किससे सत्ता स्फूर्ति पाकर मन जो विषयों में जाता है..)) चक्षु: श्रोतं क उ देवो युनक्ति।। ((नेत्र और कान को कौन नियुक्त करते हैं)) न तत्र चक्षुर्गच्छति, न वाग्गच्छति...।। ((न वहां आंख जा सकती है, न वाणी पहुंच सकती है)) विद्धि नेदं यदिदमुपासते...।।  ((कई बार ये मंत्र है)) ((जिन्हें ऐसा जानकर लोग उपासना करते हैं वो ब्रह्म नहीं हैं)) ...नो न वेदेति वेद च।। ((ये मंत्र भी उपनिषद् में कई बार आया है)) ((नहीं जानता हूं ये भी नहीं कहता।)) अविज्ञातं विजानतां विज्ञातम् अविजानताम्।। ((जानने का अभिमान रखने वालों के लिए जाना हुआ नहीं है.. जिन्हें अभिमान नहीं है उनका तो जाना ही हुआ है)) ...अग्नि अहमस्मीत्य ब्रवीज्जातवेदा।। ((मैं ही प्रसिद्ध अग्नि हूं, मैं ही जातवेदा के नाम से प्रसिद्ध हूं।)) ...वायुर्वा अहमस्मीत्य ब्रवीन्मातरिश्वा वा अहमस्मीति।। ((मैं ही प्रसिद्ध वायुदेव हूं, मैं ही मातरिश्वा के नाम से प्रसिद्ध हूं।।)) सा ब्रह्मेति होवाच..।। ((उमा देवी ने कहा, वे तो परब्रह्म परमात्मा हैं।)) तस्यैष आदेशो यदेतद्विद्युतो व्यद्युतदा।। उस ब्रह्म का...

अन्ना के साथ साजिश !

अन्ना के साथ साजिश रची गई है, गहरी साजिश। अनशन की अनुमति मिली लेकिन जेपी पार्क में सिर्फ तीन दिनों की अनुमति मिली है। केन्द्र सरकार हर वो काम कर रहे हैं जिससे अन्ना के अनशन को रोका जा सके। अब तीन दिन के लिए जेपी पार्क की अनुमति का क्या मतलब है? इसके बाद वो क्या करेंगे? क्या अब इस देश में शांतिपूर्ण विरोध की भी आजादी नहीं है। हमारे वोट से चुनकर संसद में पहुंचे लोग अचानक इतने शक्तिशाली कैसे हो गए कि उन्हें हमारा डर भी नहीं ? बात किसी पार्टी विशेष की नहीं है। कांग्रेस जाएगी तो बीजेपी आएगी। सब तो एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं। हमारे पास विकल्प क्या है? हम जनलोकपाल बिल की मांग कर रहे हैं लेकिन भ्रष्टाचारियों की फौज(नेता) राजी ही नहीं हैं। अब अन्ना को अपनी मांग रखने से भी साजिश के तहत रोक रहे हैं।