सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

जिम्मेदारी किसकी ?

इस दुनिया में कोई घर ऐसा नहीं जहां लोग मरते नहीं हैं। आप उस क्षण को याद कीजिए जब आपके गांव में या आपके मुहल्ले में किसी की असमय मौत हो जाती है। परिजनों के चीत्कार से सारा माहौल गमगीन हो जाता है। पूरे गांव या मुहल्ले में लोग उदास हो जाते हैं। अब जरा अंदाजा लगाइए उस जगह का जहां एक के बाद एक 140 लोग तड़प तड़प कर मर गए। किसी का सुहाग उजड़ गया, किसी के सिर से बाप का साया उठ गया। चारो ओर बस चीत्कार ही चीत्कार।
अब सबसे बड़ा सवाल कि 140 मौतों के लिए जिम्मेदार कौन है ? मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, अहमदाबाद की पुलिस जिसकी नाक के नीचे अवैध शराब का धंधा चल रहा था, या फिर वो लोग जिन्हें शराब की बुरी लत थी ? उन सैंकड़ों मासूमों को कौन जवाब देगा, जिसे अब कभी बाप का प्यार नही मिलेगा?

टिप्पणियाँ

sahi kah rahe hai aap..
yahi haal hai prashasan ka ..
logon ko khud hi jaagruk hona padega.

sundar prayas aapka..
dhanywaad..
Sumit Pratap Singh ने कहा…
सादर ब्लॉगस्ते!
आपका संदेश अच्छा लगा।

अब सरकोजी मामा ठहरे ब्रूनी मामी की नग्न तस्वीर के दीवाने। वो क्या जाने बुर्के की महिमा। पधारें "एक पत्र बुर्के के नाम" सुमित के तडके "गद्य" पर आपकी प्रतीक्षा में है
patwalkanchan ने कहा…
यही बात तो है चौहान जी... अगर सरकारें जवाबदेह बन जाएं तो कभी ऐसे मौत के तांडव ही ना हों....

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

क्या मीरा कुमार दलित हैं?

मीरा कुमार का स्पीकर चुना जाना खुशी की बात है। लेकिन लोकसभा में जिस तरीके से नेताओं ने मीरा कुमार को धन्यवाद दिया वह कई सवाल खड़े करती है। एक एक कर सभी प्रमुख सांसद सच्चाई से भटकते नजर आए। लगभग सभी ने अपने धन्यवाद प्रस्ताव में कहा कि आज एक दलित की बेटी लोकसभा की स्पीकर बनीं हैं। ये भारतीय लोकतंत्र के लिए गर्व की बात है। बात गर्व की जरूर है। लेकिन असली सवाल ये है कि मीरा कुमार दलित कैसे हैं ? क्या सिर्फ जाति के आधार पर किसी को दलित कहना करना जायज है। क्या सिर्फ इतना कहना काफी नहीं था कि एक महिला लोकसभा स्पीकर बनीं हैं। बात उस समय की करते हैं जब बाबू जगजीवन राम जिंदा थे। उन्हें दलितों के बीच काम करनेवाले प्रमुख नेताओं में गिना जाता है। लेकिन एक सच ये भी है कि जगजीवन राम ‘दलितों के बीच ब्रह्मण और ब्रह्मणों के बीच दलित थे”। हालांकि उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। आज के संदर्भ में दलित शब्द की नई परिभाषा गढ़नी होगी। सिर्फ कास्ट को ध्यान में रखकर दलित की परिभाषा नहीं गढ़ी जा सकती है इसके लिए क्लास को भी ध्यान में रखना ही होगा। उन लोगों को कैसे दलित कहा जा सकता है जो फाइव स्टार लाइफस्ट...

अन्ना के साथ साजिश !

अन्ना के साथ साजिश रची गई है, गहरी साजिश। अनशन की अनुमति मिली लेकिन जेपी पार्क में सिर्फ तीन दिनों की अनुमति मिली है। केन्द्र सरकार हर वो काम कर रहे हैं जिससे अन्ना के अनशन को रोका जा सके। अब तीन दिन के लिए जेपी पार्क की अनुमति का क्या मतलब है? इसके बाद वो क्या करेंगे? क्या अब इस देश में शांतिपूर्ण विरोध की भी आजादी नहीं है। हमारे वोट से चुनकर संसद में पहुंचे लोग अचानक इतने शक्तिशाली कैसे हो गए कि उन्हें हमारा डर भी नहीं ? बात किसी पार्टी विशेष की नहीं है। कांग्रेस जाएगी तो बीजेपी आएगी। सब तो एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं। हमारे पास विकल्प क्या है? हम जनलोकपाल बिल की मांग कर रहे हैं लेकिन भ्रष्टाचारियों की फौज(नेता) राजी ही नहीं हैं। अब अन्ना को अपनी मांग रखने से भी साजिश के तहत रोक रहे हैं।

श्वास लेने का ये तरीक़ा ज़िंदगी बदल सकता है

ऋषि मुन्नियों को वो गुप्त ज्ञान जिसके द्वारा उन्हें ओजपूर्ण ज़िंदगी और लंबी उम्र मिलती थी। जी हाँ यौगिक डीप ब्रीदिंग आपको एक नया जीवन दे सकता है। क्या है ये यौगिक श्वसन? क्दया आपने कभी एक नवजात बच्चे को श्वास लेते हुए देखा है? वो पेट ऊपर करते हुए श्वास लेता है और पेट अंदर करते हुए श्वास बाहर निकाल देता है। यानि पहले लंग्स के लोअर लोब में श्वास भरें फिर लंग्स के ऊपरी हिस्से तक। फिर जब श्वास छोड़ें तो पहले ऊपरी हिस्से से श्वास निकालें फिर पेट अंदर करते हुए पूरा श्वास बाहर कर दें। इसी पर मैंने अपने  यूट्यूब चैनल Yoga guru Kaushal Kumar Kamal पर डीटेल में यौगिक श्वसन की पूरी जानकारी दी है। इसे ज़रूर देखें और अपनी राय दें।  https://youtu.be/xpXsGRwXQ94