- 29 अक्तूबर 2005 - दिल्ली में तीन जग़हों पर हुए बम धमाकों में 62 लोग मारे गए।
- 7 मार्च 2006 - उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रेलवे स्टेशन और संकटमोचन मंदिर में बम धमाकों में 20 लोग मारे गए।
- 11 जुलाई 2006 - मुंबई की लाइफ लाइन मानी जाने वाली लोकल ट्रेनों में हुए बम धमकों में 170 लोग मारे गए।
- 8 सितंबर 2006 - महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के मालेगाँव में एक मस्जिद के पास हुए तीन बम फटे। 37 लोगों की मौत।
- 18 फ़रवरी 2007 - दिल्ली से अटारी जा रही समझौता एक्सप्रेस में हुए दो धमाकों में 66 लोग जलकर मारे गए जिसमें से अधिकतर पाकिस्तानी थे.
- 18 मई 2007 - हैदराबाद की मक्का मस्जिद में नमाज़ के दौरान हुए धमाके में 11 लोग मारे गए।
- 25 अगस्त 2007 - हैदराबाद में हुए बम विस्फोट में 42 लोग मारे गए।
- 11 अक्तूबर 2007 - राजस्थान में अजमेर के ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में हुए धमाके में दो लोग मारे गए।
- 23 नवंबर 2007 - उत्तर प्रदेश में लखनऊ, फ़ैज़ाबाद और वाराणसी की कचहरियों में हुए बम धमाकों में 13 लोग मारे गए और 75 घायल हुए।
- 1 जनवरी 2008 - उत्तर प्रदेश के रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शिविर पर हुए चरमपंथी हमले में सात सुरक्षाकर्मियों समेत आठ लोग मारे गए।
- 13 मई 2008 – राजस्थान के जयपुर में छह जगहों पर आठ बम धमाके हुए। जिसमें 70 लोगों की मौत हो गई। जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
जैसे ही जी न्यूज पर बहादुर दामिनी के उस बहादुर दोस्त ने सच बताना शुरू किया.. दिल्ली पुलिस की चरित्र रूपी कपड़े उतरने लगे.. पहले लगा एक दो कपड़े ही उतरेंगे.. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.. दिल्ली पुलिस नंगी हो गई.. इतना ही नहीं केन्द्र सरकार का दुपट्टा भी सरक गया.. निर्दयी सरकार भी निर्वस्त्र हो गई.. दामिनी और उसका दोस्त 16 दिसंबर की रात सड़क पर पड़े तड़प रहे थे.. लेकिन अब निर्लज्ज दिल्ली पुलिस और बेशर्म सरकार लोगों के बीच नंगा है.. लेकिन इंतहा देखिए दोनों को कोई फर्क नहीं पड़ता.. जरा पूरी कहानी सुन लीजिए.. दामिनी के दोस्त ने क्या क्या बताया.. दिल्ली पुलिस का पहला कपड़ा ऐसे उतरा.. बस डेढ़ घंटे से ज्यादा समय तक दिल्ली की चमचमाती सड़कों दौड़ती रही.. उसमें गैंगरेप होता रहा.. दरिंदे दामिनी की अंतरियां बाहर निकालते रहे.. दिल्ली पुलिस ने कहा, बस में सिर्फ चालीस मिनट तक तक ये सब हुआ.. झूठी और बेशर्म दिल्ली पुलिस.. डेढ़ घंटे तक काले शीशे वाली बस को नामर्द दिल्ली पुलिस ने क्यों नहीं रोका.. दामिनी के दोस्त ने दूसरा कपड़ा भी उतार दिया— दिल्ली पुलिस की दो- तीन पीसीआर वैन पहुंची लेकिन.. वो
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