सुबाना पर कविता लिखने के काफी दिनों तक मैं सोचता रहा कि आखिर उस बच्ची का क्या हुआ। कहीं से कोई खबर नहीं मिल रही थी। आखिरकार जयपुर में मैंने एक दोस्त को फोन किया तो जो खबरें आई वो विचलित करने वाली थी। जयपुर विस्फोट के महज चार दिन बाद ही सुबाना भी अपनी मां के पास चली गई। जयपुर विस्फोट में सुबाना की मौसी और मां की मौत हो गई थी। सुबाना को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन काल पर किसी का वश नहीं होता। वो मासूम बच्ची जिंदगी की जंग हार गई। अब नहीं रही सुबाना। शर्म करो दहशतगर्दों, फूल सी बच्ची ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था जो उसकी निश्छल जिंदगी बर्बाद कर दी। पहले तो बच्ची से उसकी ममता का आंचल छीन लिया और उसे इतना गहरा जख्म दिया कि वो भी नहीं रही। शर्म करो आतंकवाद........
मेरी अभी शादी नहीं हुई है लेकिन होने वाली है। कुछ लोग शादी के नाम से डराते हैं तो कुछ इसे जिंदगी का सबसे बेहतरीन पल बताते हैं। मुझे नहीं पता सच क्या है। मेरे एक दोस्त जिनकी शादी के 13 साल हो गए उन्होंने अपने अनुभव बताए। दोस्त के 13 साल के अनुभवों का सार - पतियों के लिए पत्नियों को खुश रखने के कुछ मंत्र .... इस मंत्र को फॉलो कर कोई भी अपनी पत्नी के आंखों का तारा बन सकता है --- मंत्र बिना बात के पत्नी की तारीफ करते रहो बिना गलती के सॉरी बोलते रहो तीसरा मंत्र (ये सबपर लागू नहीं होता) जितने रुपए मांगे निर्वाध रूप से देते रहो मुझे नहीं पता उपरोक्त कथन में कितनी सच्चाई है। मैं आप सभी शादीशुदा विद्वजनों से सप्रेम निवेदन करता हूं कि अपने विचार जरूर प्रेषित करें।
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