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जुलाई, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गुंडों वाले आसाराम बापू ?

फंस गए बेचारे धर्म गुरू आसाराम बापू। आखिर ऐसा क्या हुआ कि हजारों लोग अहमदाबाद की सड़कों पर उतर गए और आसाराम बापू हाय हाय के नारे लगाने लगे ? उनके बैनर और पोस्टरों को फाड़ दिया गया। अहमदाबाद में उनके आश्रम के बाहर हंगामा किया गया। आखिर क्यों लाखों लोगों की श्रद्धा के पात्र रहे आसाराम बापू से इतने लोग नफरत करने लगे ? मामला इतना छोटा भी नहीं है। शांत और समृद्ध जिंदगी जीने की कला बताने वाले गुरू के आश्रम के दो बच्चों की मौत हो गई। दो परिवारों के घर का चिराग बुझ गया, लेकिन बाबा ने इसकी जिम्मेदारी लेने से साफ मना कर दिया। बच्चों के घरवालों ने आरोप लगाए कि आश्रम की लापरवाही से ही दोनों बच्चों की हत्या की गई। लेकिन आश्रम ने ये तर्क दिया था कि दोनों बच्चे रथ यात्रा देखने के लिए आश्रम से फरार हो गए थे। दिन दिन बाद दोनों बच्चों की लाश आश्रम के पीछे नदी किनारे मिली। पहली नजर में तो आश्रम की लापरवाही साफ दिखती है। बच्चों के घरवालों को सांत्वना देने के बदले उल्टे आसाराम बापू अपनी दामन बचाने में लग गए। एक सभा में उन्होंने दोहे पढ़े कि उन्हें फंसाया जा रहा है। उनके उपर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। आखिर