अन्ना के साथ साजिश रची गई है, गहरी साजिश। अनशन की अनुमति मिली लेकिन जेपी पार्क में सिर्फ तीन दिनों की अनुमति मिली है। केन्द्र सरकार हर वो काम कर रहे हैं जिससे अन्ना के अनशन को रोका जा सके। अब तीन दिन के लिए जेपी पार्क की अनुमति का क्या मतलब है? इसके बाद वो क्या करेंगे? क्या अब इस देश में शांतिपूर्ण विरोध की भी आजादी नहीं है। हमारे वोट से चुनकर संसद में पहुंचे लोग अचानक इतने शक्तिशाली कैसे हो गए कि उन्हें हमारा डर भी नहीं ? बात किसी पार्टी विशेष की नहीं है। कांग्रेस जाएगी तो बीजेपी आएगी। सब तो एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं। हमारे पास विकल्प क्या है? हम जनलोकपाल बिल की मांग कर रहे हैं लेकिन भ्रष्टाचारियों की फौज(नेता) राजी ही नहीं हैं। अब अन्ना को अपनी मांग रखने से भी साजिश के तहत रोक रहे हैं।
अन्ना के साथ साजिश रची गई है, गहरी साजिश। अनशन की अनुमति मिली लेकिन जेपी पार्क में सिर्फ तीन दिनों की अनुमति मिली है। केन्द्र सरकार हर वो काम कर रहे हैं जिससे अन्ना के अनशन को रोका जा सके। अब तीन दिन के लिए जेपी पार्क की अनुमति का क्या मतलब है? इसके बाद वो क्या करेंगे? क्या अब इस देश में शांतिपूर्ण विरोध की भी आजादी नहीं है। हमारे वोट से चुनकर संसद में पहुंचे लोग अचानक इतने शक्तिशाली कैसे हो गए कि उन्हें हमारा डर भी नहीं ? बात किसी पार्टी विशेष की नहीं है। कांग्रेस जाएगी तो बीजेपी आएगी। सब तो एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं। हमारे पास विकल्प क्या है? हम जनलोकपाल बिल की मांग कर रहे हैं लेकिन भ्रष्टाचारियों की फौज(नेता) राजी ही नहीं हैं। अब अन्ना को अपनी मांग रखने से भी साजिश के तहत रोक रहे हैं।
टिप्पणियाँ
pls see www. jan-sunwai.blogspot.com
they share the same feel you do, your words can do wonder.
saath-saath bahut kuch haasil kiya ja sakta hai, aarop-pratyarop ke liye to hamare netaji hain hi.