यह लेख जनसत्ता(दैनिक अखबार) में प्रकाशित हो चुका है। नोएडा में श्री श्री रविशंकर ने ब्रह्मनाद का आयोजन कर एक मिसाल कायम की। कार्यक्रम का आयोजन बिहार में बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए किया गया था। इस कार्यक्रम से पहले भी श्री श्री रविशंकर की ओर से बिहार में बाढ़ पीड़ितों को तमाम तरह की सहायता राशि बांटी गई। अब उनकी योजना अपना सबकुछ खो चुके लोगों को घर बनाकर देना है। रविशंकर जी की सहायता तो लोगों तक पहुंच रही है लेकिन सरकारी सहायता बड़ी मुश्किल से बाढ़ पीड़ितों की धधकती अंतड़ी तक पहुंच पा रही है। सरकारी राहत सामग्री दरअसल उन लोगों तक पहुंच रही है जो इसके असली हकदार नहीं हैं। गैर सरकारी आंकड़ों की मानें तो करीब एक लाख लोग बाढ़ की भेंट चढ़ गय़े। जो बचे उनका सबकुछ लुट चुका था। सहायता के लिए केन्द्र सरकार ने राज्य को अच्छी खासी रकम दी। लेकिन सबसे शर्मनाक बात तो ये है कि जो बाढ़ पीड़ित नहीं हैं उनके बीच भी सामग्री धड़ल्ले से बांटी जा रही है। इसके पीछे पूरा गणित फिट है। लोक सभा चुनाव आने वाला है ऐसे में छुटभैया नेता अपना जनाधार बढ़ाने के लिए अपने लोगों को राहत सामग्री पाने में पूरी मदद कर रहे
डिबिया की रोशनी में लाखों घर रौशन होते हैं... डिबिया को जलने दें...