सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जुलाई, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जिम्मेदारी किसकी ?

इस दुनिया में कोई घर ऐसा नहीं जहां लोग मरते नहीं हैं। आप उस क्षण को याद कीजिए जब आपके गांव में या आपके मुहल्ले में किसी की असमय मौत हो जाती है। परिजनों के चीत्कार से सारा माहौल गमगीन हो जाता है। पूरे गांव या मुहल्ले में लोग उदास हो जाते हैं। अब जरा अंदाजा लगाइए उस जगह का जहां एक के बाद एक 140 लोग तड़प तड़प कर मर गए। किसी का सुहाग उजड़ गया, किसी के सिर से बाप का साया उठ गया। चारो ओर बस चीत्कार ही चीत्कार। अब सबसे बड़ा सवाल कि 140 मौतों के लिए जिम्मेदार कौन है ? मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी, अहमदाबाद की पुलिस जिसकी नाक के नीचे अवैध शराब का धंधा चल रहा था, या फिर वो लोग जिन्हें शराब की बुरी लत थी ? उन सैंकड़ों मासूमों को कौन जवाब देगा, जिसे अब कभी बाप का प्यार नही मिलेगा?