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मई, 2008 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मां तुम कहां हो ?

(तस्वीर सौजन्य- बीबीसी हिंदी बेवसाइट) मैं मुंबई में लहती थी नाना नानी की याद बहुत सताती थी मामा मामी भी याद बहुत आते थे उनाका दुलाल उनका प्यार सब मिस कलती थी लेकिन क्या कलूं ... पढ़ाई जो कलनी थी ... कुछ बनना था... नाना को दिखाना था... सो मुंबई में ही लहना था गर्मी की छुट्टियों में पढ़ाई से थोली राहत मिली नाना नानी की फिल याद आई मौसा- मौसी से भी मिलना था पापा से विनती की चलो ननिहाल लेकिन, पापा तो बस काम में लगे लहे... मम्मी को भी अपनी मम्मी से मिलना था सो हम दोनों चल दिए ननिहाल... मेला ननिहाल छुक छुक कलती ट्रेन पहुंच गई जयपुर स्टेशन पर नाना की पकी दाढ़ी को खींचा मामा को चपत लगाई... घर में खूब धूम मचाया... नानी से सुनी कहानी... आज खुश थी... दोनों मौसियां और मां तैयार थी निकल पली बाजाल वहां खलीदा खूब खिलौने और खलीदे कपड़े नाना के लिए धोती ली और नानी के लिए साड़ी जयपुर का ये बाजाल मुंबई से कितना अलग था मां से की जिद जल्दी चलो नाना को धोती देनी है उनकी पकी मूंछे भी लंगनी है मौसी ने लिक्शा लिया.... और फिर ???????? कुछ याद नहीं... आंखें खुली तो... तो पास में नर्स थी.. मां तुम कहां हो आओ न...

तीन साल के धमाके

29 अक्तूबर 2005 - दिल्ली में तीन जग़हों पर हुए बम धमाकों में 62 लोग मारे गए। 7 मार्च 2006 - उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रेलवे स्टेशन और संकटमोचन मंदिर में बम धमाकों में 20 लोग मारे गए। 11 जुलाई 2006 - मुंबई की लाइफ लाइन मानी जाने वाली लोकल ट्रेनों में हुए बम धमकों में 170 लोग मारे गए। 8 सितंबर 2006 - महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के मालेगाँव में एक मस्जिद के पास हुए तीन बम फटे। 37 लोगों की मौत। 18 फ़रवरी 2007 - दिल्ली से अटारी जा रही समझौता एक्सप्रेस में हुए दो धमाकों में 66 लोग जलकर मारे गए जिसमें से अधिकतर पाकिस्तानी थे. 18 मई 2007 - हैदराबाद की मक्का मस्जिद में नमाज़ के दौरान हुए धमाके में 11 लोग मारे गए। 25 अगस्त 2007 - हैदराबाद में हुए बम विस्फोट में 42 लोग मारे गए। 11 अक्तूबर 2007 - राजस्थान में अजमेर के ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में हुए धमाके में दो लोग मारे गए। 23 नवंबर 2007 - उत्तर प्रदेश में लखनऊ, फ़ैज़ाबाद और वाराणसी की कचहरियों में हुए बम धमाकों में 13 लोग मारे गए और 75 घायल हुए। 1 जनवरी 2008 - उत्तर प्रदेश के रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शिविर पर

सरबजीत की फाँसी पर रोक

हर पल मर रहे सरबजीत के परिवार को थोड़ी राहत मिली है। पाकिस्तान की सरकार ने 2 मई को सरबजीत की फांसी पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। पिछले दिनों सरबजीत की पत्नी उनकी दो बेटियां, बहन और बहनोई पाकिस्तान गए थे। इस दौरान पाकिस्तान सरकार ने इन लोगों की सरबजीत से मुलाकात भी करवाई थी।